Thursday, 13 August 2009

आ जा श्याम तोहे प्राण पुकारे ,(,कविता)


जा श्याम तोहे प्राण पुकारे ,,,

जा श्याम तेरी राह निहारे ,,,

नैना व्याकुल कारे कारे,,,

दे दो दर्शन मोहन प्यारे ,,,

प्यासा हूँ बस प्यास बुझा दो ,,,

मैं ना हूँ , हो राधे राधे ,,,

जीवन के अनमेल रसो से ..

द्वार पड़ा हूँ आन तिहारे ,,,

जा श्याम तोहे प्राण पुकारे ,,,

जा श्याम तेरी राह निहारे ,,,

तेरी बंसी की सुन्दर ताने ,,,

सुन कर तेरे मीठे गाने ,,,

सुध बुध खोऊ ध्यान लगाऊं ,,

पर किंचित चैना मैं ना पाऊं ,,,,

मिलने को बेसुध खडा हूँ ,,,

मधुमय मन के उजियारे ,,,

जा श्याम तोहे प्राण पुकारे ,,,

जा श्याम तेरी राह निहारे ,,,

वन वन तट तट मैं तो घूमूं,,,

पग पग तेरी पद रज चूमूं ,,,

नदनंदन जीवन धन ,,

मधु सूदन दिग्दर्शन ,,,

मुझसे अपना मिलन करा दे ,,,

हे यदुवर , हे मोहन प्यारे ,,,

जा श्याम तोहे प्राण पुकारे ,,,

जा श्याम तेरी राह निहारे ,,,

मैं अबनी तू बादल साजन ,,,

वर्षो वर्षो बन प्रेमाघन ,,,,

तन भीगे और मन भीगे ,,,

भीगे मेरा सारा जीवन ,,,

पथ पथ घूमा पथिक बना हूँ ,,

राह दिखा दो जसुमति प्यारे ...

जा श्याम तोहे प्राण पुकारे ,,,

जा श्याम तेरी राह निहारे ,,,

7 comments:

  1. प्रवीन बहुत ही सुन्दर रचना है जन्माष्टमी के शुभावसर परिस सुन्दर रचना के लिये बधाई तुम्हारी भक्ति रंग मे भी बहुत सुन्दर रचना होती है बहुत बडिया जा रहे हो बधाई जन्म अश्टमी की भी और रचना की भी

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  2. सुन्दर रचना है........

    कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामना और ढेरो बधाई .

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  3. जन्‍माष्‍टमी के सुंदर मौके पर इतनी अच्‍छी कविता प्रेषित करने के लिए धन्‍यवाद .. आपको जन्‍माष्‍टमी की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !!

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  4. कृष्ण भक्ति की बेहतरीन रचना प्रस्तुत की आपने तो.
    "पथ पथ घूमा पथिक बना हूँ ,, राह दिखा दो जसुमति प्यारे ..."
    क्या कहने बहुत खूब

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  5. वाह प्रवीण जी ..जन्माष्टमी के अवसर पर इससे खूबसूरत तो और कुछ हो ही नहीं सकता था ...
    बहुत सुन्दर ...बस लगता है की लयबद्ध कर गाया जाए ..बहुत सुन्दर ..

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  6. atisundar .......bahut bahut badhaaee

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  7. kya baat hai aap ka ye bhakti bhav bhut pasand aya
    itni sundar or pyari rachna ke kiye badhai

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