Tuesday, 5 May 2009

फिर दो गालियाँ और ,,,




तुम मुझको और घसीटो ,,


रक्त रंजित कर दो मेरा मस्तक,,


इस तरह पैविस्त करो ,,,


साम्प्रदायिकता और जातिबाद की कीले,,


मेरे बदन में,,,,,


कि एक इंच जगह ना छूटे ,,


कुरेदो उन्हें इतना कि ,,,


फूटने लगे खून के फब्बारे ॥


फिर दो गालियाँ और ,,,


उछालो मेरी अस्मिता को ,,


करो मेरा चिर हरण ,,


क्षेत्रबाद के तीखे नाखूनों से ,,


तुम चाहो तो कर सकते हो ॥


मेरे और हजार टुकड़े ,,


बुंदेलखंड पूर्वांचल और ,,


हरित प्रदेश बना कर ,,


फिर भी दिल ना भरे तो ,,


नीलाम कर दो मेरी ,,,


अखंडता और सहिष्णुता को ,,


क्षेत्रिय व जातीय पार्टी बनाकर ,,


रोज मारो बेईमानी और ,,,


भ्रष्टाचार के तमाचे मेरे गाल पर ,,,


तब तक कि उसमे से भुखमरी ,,


और गरीबी का पीव ना बहने लगे ,,


भरदो स्विश बैंक के खाते॥


मेरे अन्त्रावस्त्र बेचकर ...


नोच खाओ मुझे और ,,


बेचो मेरा मांस नोच कर ,,,


बंद कर लो अपनी आंखे ,,


मेरे बलात्कार्य पर ,,,,


क्यों कि मैं तुम्हारी ,,


भारत माँ ही तो हूँ ,,,,






9 comments:

  1. Aaankhme aansoon bhar diye...yebhee kahugee ab hame unpe apnaa laksh kendrit karnaa chahiye, jo kuchh sakaratmak karnaa chaah rahe hain..karnekee abhilasha rakhte hain..
    Isee blog jagat me kuchh aise logbhee hain...
    sneh aur adarsahit
    Shama

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  2. शुक्रिया शमा जी आप का आभार , निसंदेह अब मुझे सकारात्मक पहलु पर ही लिखना चाहिए धन्यबाद

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  3. बहुत सुंदर रचना है आपकी...ऐसे ही रचें नये इतिहास

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  4. स्वागत है...शुभकामनायें.

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  5. हिंदी ब्लॉग की दुनिया में आपका तहेदिल से स्वागत है....

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  6. बहुत सुन्दर लिखा है। बधाई स्वीकारें। मेरे ब्लोग पर आने की जहमत उठाएं। शुभकामनाएं।

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  7. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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