
ये कविता मैंने कई दिन पहले लिखी थी पर बड़े संकोच बस इसे मैं अपने ब्लॉग पर नहीं डाल रहा था पर मित्रो की राय और उनकी अनुसंसा से मैं इस कविता को आप के सन्मुख रख रहा हूँ और इस कविता को मैं अपनी माँ निर्मला कपिला जी के चरणों में समर्पित कर रहा हूँ आप की राय और सुझाव का बड़ी बेसब्री से इन्तजार है
किस्मतो से जब इश्क गुलजार होता है सीने में,,
मुकद्दर से जब उनका दीदार होता है नगीने में ,,
धड़कने रुक जाती है निगाहे लगती है निगाहों का अश्क पीने में,
फिर जमी पे है जन्नत कहाँ , क्या रक्खा इस नाचीज जीने में ,,
ये नवी तूने किया क्या हम तो पागल हो गए है ,,
इश्क की नजरो से तेरी हम तो घायल हो गए है,,
इश्क की आंधी में हम तो इश्को इश्क हो गए है ,,
तेरी इश्क जन्नत की ख़ुशी है ,इश्क है नजरो का पर्दा ,,
इश्क खुसबू की नमी है ,, इश्क है सांसो का सरदा ,,
इश्क है सावन की बहारे, इश्क घटती घटाए है ,,
इश्क महबूब की महफ़िल ,,इश्क गम की सदाए है ,,
इश्क है राग दिल का , इश्क चलती हवाए है ,,
इश्क बर्षो से जोड़ी इस जवानी की कीमत है ,,
इश्क दिल की जरुरत है ,, इश्क उसकी मोहब्बत है ,,
इश्क का खाशो खाश अमला , इश्क दुनिया से बगावत है ,,,
इश्क चाँदी ,इश्क सोना ,इश्क सबकी जरुरत है,,
इश्क में डूब लो यारो, इश्क ही खुबसूरत है ,,,
इश्क सरगम ,इश्क ताने ,इश्क की धुन निराली है ,,,
इश्क जलता हुआ शोला , इश्क ही तो दिवाली है ,,
इश्क है साँस दुनिया की ,इश्क जन्नत का ठिकाना है ,,
इश्क है हुस्न उसका , इश्क मिलने का बहाना है ,,
इश्क अल्लाह का सजदा है , इश्क ख्वाजा को पाना है ,,
महफिले इश्क में हमको तो, इश्क इश्क गाना है ,,
इश्क बारूद की ढेरी, इश्क खंजर का मुहाना है ,,
इन जलती फिजाओ में इश्क सबसे पुराना है ,,
इश्क सजदा , इश्क जन्नत ,इश्क दरिया ,,
इश्क का रूप न्यारा है,,
इश्क अल्लाह की रहमत है ,इश्क ख्वाजा को प्यारा है ,,
इश्क को ढूडती दुनिया,इश्क ने हम को मारा है ,,,
इश्क को बांध बाँहों में , हम तो जाहिल हो गए है ,,
ये नवी तूने किया क्या हम तो पागल हो गए है,,
धड़कने रुक जाती है निगाहे लगती है निगाहों का अश्क पीने में,
फिर जमी पे है जन्नत कहाँ , क्या रक्खा इस नाचीज जीने में ,,
ये नवी तूने किया क्या हम तो पागल हो गए है ,,
इश्क की नजरो से तेरी हम तो घायल हो गए है,,
इश्क की आंधी में हम तो इश्को इश्क हो गए है ,,
तेरी इश्क जन्नत की ख़ुशी है ,इश्क है नजरो का पर्दा ,,
इश्क खुसबू की नमी है ,, इश्क है सांसो का सरदा ,,
इश्क है सावन की बहारे, इश्क घटती घटाए है ,,
इश्क महबूब की महफ़िल ,,इश्क गम की सदाए है ,,
इश्क है राग दिल का , इश्क चलती हवाए है ,,
इश्क बर्षो से जोड़ी इस जवानी की कीमत है ,,
इश्क दिल की जरुरत है ,, इश्क उसकी मोहब्बत है ,,
इश्क का खाशो खाश अमला , इश्क दुनिया से बगावत है ,,,
इश्क चाँदी ,इश्क सोना ,इश्क सबकी जरुरत है,,
इश्क में डूब लो यारो, इश्क ही खुबसूरत है ,,,
इश्क सरगम ,इश्क ताने ,इश्क की धुन निराली है ,,,
इश्क जलता हुआ शोला , इश्क ही तो दिवाली है ,,
इश्क है साँस दुनिया की ,इश्क जन्नत का ठिकाना है ,,
इश्क है हुस्न उसका , इश्क मिलने का बहाना है ,,
इश्क अल्लाह का सजदा है , इश्क ख्वाजा को पाना है ,,
महफिले इश्क में हमको तो, इश्क इश्क गाना है ,,
इश्क बारूद की ढेरी, इश्क खंजर का मुहाना है ,,
इन जलती फिजाओ में इश्क सबसे पुराना है ,,
इश्क सजदा , इश्क जन्नत ,इश्क दरिया ,,
इश्क का रूप न्यारा है,,
इश्क अल्लाह की रहमत है ,इश्क ख्वाजा को प्यारा है ,,
इश्क को ढूडती दुनिया,इश्क ने हम को मारा है ,,,
इश्क को बांध बाँहों में , हम तो जाहिल हो गए है ,,
ये नवी तूने किया क्या हम तो पागल हो गए है,,
इश्क की आंधी में हम तो इश्को इश्क हो गए है ,,