Saturday 20 April 2013

मैंने खाना सीख लिया है,,


अब ना और सताओ  मुझको ,
मैंने  मुस्काना सीख लिया है ,,
गर दुःख आये है  आने दो ,
मैंने इनको टरकाना सीख लिया है ,,
मांगो दिल हो जितना मांगो ,
अब मैंने बहाना सीख लिया है,,
मत चौराहों का खौफ दिखाओ ,
मैंने आना जाना सीख लिया है,,
वो मौतों के सौदागर है तो क्या,
मैंने  मर जाना सीख लिया है,,
तुम भी आओ झपटो न संकोच करों,
मैंने हर रोज  लुटाना सीख लिया है,,
जरा खुल कर घावो पर घाव लगाओ ,
मैंने  घाव सुखाना सीख लिया है ,,
न महंगाई कम है न जिम्मेदारी ,
बस बोझ उठाना सीख लिया है ,,
ना आंशू कम है न गम ख़त्म हुये ,
बस दिल बहलाना सीख लिया है ,,
माँ अब तुम चाहो तो मर जाओ ,
अब मैंने खाना सीख लिया है ,,

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