नया साल सुर गीत नया नयी ताल है …
नव योवन कारुप नया नवीन बात है…।
कुंद मुकुंद त्रण त्रण कण सब नया ,,,
नब प्रभात नव आभा नव प्रकाश है ,,,
तरु नया कानन नए पुष्प पल्लव भी नए ,,,
स्रष्टि का हर रूप नया सब नवीनता है ,,
भाईचारा मानवता का भी पाठ नया ,,,,,,
धर्म नया नई आश विस्वाश नया है ,,,
प्रेम नया प्रेमालाप भी निष्कलंक नया,,,,
दिन नया पल नया नई प्रस्वाश है
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