क्या कभी हो सकती है ,,,,
महात्मा गाँधी व मल्लिका शेरावत में समानता ,,,,
क्या कोई व्यक्त कर सकता है उनकी महानता,,,,
एक के आगे अंग्रेजी नियत झुकती थी ,,,,
एक अंग्रेजियत के आगे झुकती है ,,,,
एक के दिल में मानवता के लिए बड़ा प्यार था ,,,,
दूसरी मानव मानव से प्यार करती है ,,,,
वहां भीड़ उमड़ पड़ती थी उनकी एक वोली पर ,,,
यहाँ कोहराम मच जाता है इनकी एक ठिठोली पर ,,,,
उन्हों ने सात्विक आहार अपनाया ,,,
फ्रीडम फाइटिंग के लिए ,,,,,
इन्होने भोजन गवाया ,,,
डाईटिंग के लिए ,,,,,,
वह विचारो पे राज करता था ,,,,,
ये दिलो पे राज करती है ,,,,,,
एक देश भक्ति भरता था ,,,,,
एक देह भक्ति भरती है ,,,,,
एक स्त्री शिक्षा व गरीबी पे ॥
कार्य शालाए आयोजित करता था ,,,
दूसरी एड्स व सेक्स पर सेमीनार करती है ,,,
एक सत्य व अहिंसा का पुजारी था ,,,,
दूसरी फैशन व विलासिता की पुजारिन है ,,,,
एक शादी के बाद भी व्रह्मचारी था ,,,
दूसरी कुंवारी भी ना ब्रह्म्चारिन है ,,,,,
पर दोनों में कहीं न कही ताल्लुकात है,,,
कही पे जुड़े हुए जज्वात है ,,,,
दोनों में एक लम्बी समानता है ,,
या यूँ कहे की महानता है ,,,,
दोनों ने ही कपडे उतार दिए ,,,
एक ने देश के लिए ,,,,,,
दुसरे ने देश वाशियों के लिए ,,,,,,
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