डूबती धडकनों की बात कर रहा हूँ ,,,
आज जिन्दगी में जी के मर रहा हूँ ,,,
आँख नाम दीवारों में ख़ुशी ढूडती है ,,
मौत की बहारो में जिन्दगी ढूडती है ,,,
सब सोख नगमे घुले जा रहे है ,,,,
सारे राज दिल के खुले जा रहे है,,,,
रात चांदनी जली जा रही है ,,,,
चाहते जमी में मिली जा रही है ,,,,
लम्हे गिन गिन के दमन कर रहा हूँ ,,,,
दर्द सब भुला के हसन कर रहा हूँ ,,,
साँस थम रही है और मै मर रहा हूँ ,,,
डूबती धडकनों की बात कर रहा हूँ ,,, ,
उनीदी में जगा जगा जहाँ है ,,,,
गमो में बहकता भीगा समां है ,,,
तनिक रागिनी है तनिक रौशनी है ,,,,
तनिक सी तपिश तनिक चांदनी है ,,,
दर्द का समंदर घुला जा रहा है ,,
डूब कर भी कितना मजा आ रहा है ,,
हर सीखी लिखाब ट छूटती जा रही है ,,,,,
हर पल तेरी ही झलक आ रही है ,,,
जां निकल रही है और मई डर रहा हूँ ॥
डूबती धडकनों की बात कर रहा हूँ ,,,
आज मिट रहे सब धूमिल से सपने ,,,
मुहं मोड़ कर निकलते है अपने ,,,,
चांदनी मुझे कुछ दिए जा रही है ,,,
जख्म दिल के वो लिए जा रही है ,,,
है क्रंदन सांसो में ,,,,
धुआं छा रहा है ,,,,
अब मौत से सामना हुया जा रहा है ,,,,
आज दर्द दिल में छुआ जा रहा है ,,,,
शांत मैं कफ़न का वसन गिन रहा हूँ ,,,
नब्ज जम रही है और मैं बिखर रहा हूँ ,,,,
डूबती धडकनों की बात कर रहा हूँ ,,,
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