खोजता मैं फिर रहा ।
पूछता मैं फिर रहा ,,,
असम्भव”"”"”"”
दुःख का निराकरण ,
सुख का विवरण ,,,
कौतुक “”"”‘”"
ज्ञान की पिपासा ,,
अज्ञात की जिज्ञासा ,,
दुखांत “”"”
कर ऊँचा मनोवल ,,
ले तिनके का सम्बल,
उतरना “”
चाहता भयंकर नीर
उसको जो है तीर
किनारा “”
लौकिक आँख का सत्य ,
देखा कभी असत्य ,,
माया रे “‘”"”‘
दुःख मान का क्ष ओभ
सुख मान का लोभ ,,
व्यर्थता “”"”
बांस बिन बांसुरी
बिन तान व रागिनी ,,
भर्मता”"”"‘
दीखता असत्य का पोल
प्राप्त भ्रम का खोल ,
निर्लिप्तता “”"‘
तब सत्य ब्रहम का मिलन ,,,
निज का निज में सम्मिलन ,
मुक्ति रे “”"”"”"”"”"”"”
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