Wednesday 22 April 2009

और बरस एक बीत चला


और बरस एक बीत चला ,,,

सांसो का संगीत चला ,,,

पिछली सब धूमिल यादे,,,

अंकित करता अंकित करता,,,

अपनों का ये मीत चला ,,,

और बरस एक बीत चला ,,,

सब मीठी वा तीखी यादे ,,,

कुछ आधे कुछ पूरे वादे ,,,

आगोसो में अपने लेके ,,,

जीवन का ये मीत चला ,,,

और बरस एक बीत चला ,,,

कर धैर्य परिक्षा जीवन की ,,,

ले अग्नि परिक्षा इस तन की ,,,

साहस की एक सीख सिखा के ,,,

अपनों से हो भय भीत चला ,,,

और बरस एक बीत चला ,,,

रखूगा तुमको यादो के ,,,

सुंदर से एक झरोखे में ,,,

रातो का सपना जैसे,,,

अपनों का ये मीत चला ,,,

और बरस एक बीत चला,,,

आने बाला कल होगा,

यादो का सगूफा जैसे ,,,

तुम अंतस के चेरे थे ,,,

भूलूंगा तुमको कैसे ,,,

भरती आँखों का गीत चला ,,,

और बरस एक बीत चला ,,,

No comments: