Tuesday 21 April 2009

मेरे नाना मेरे नाना.......


मेरे नाना मेरेनाना,,,,,,,,

आते ही घेरे नाना,,,,

झट से दौडा डंडा छीना,,,

झोला लीना फिर खाना …।

दाड़ी लम्बी चश्मा छोटा ,

सीसा उसमे मोटा मोटा ,,,,

कपडे पीले ढीलम ढीले …

लगते बाबा ,,,,,,,,,,

तुम भी लेलो तुम भी लेलो ,,,

थोडा तुम भी लेलो ,,,,,,,,,

चावल के दाने ,,

शक्कर के दाने,,,,

घर के पेड़े ,,,,,,,,,,,,,

हरी प्रसाद है गंगा का,,,

खाओ फिर खेलो,,,

ऊँची ऊँची उनकी बाते,,,

बाते ज्ञान सिखाती ,,,

कभी नेता ,

कभी सैनिक की ,,,

जाने किस किस की ,,,

रामायण की, गीता की ,

लव कुश वा सीता की ,,,

मिल झुल के रहो प्रेम करो ,,,

सिखाते नाना ,,,,

सुंदर सुंदर भजन सुरीले गाते नाना ,,,,,

कहानी कहते ॥

शिक्ष, अ : देते हरी प्रेरे नाना ,,,

ना गुस्सा ना नाराजी

अच्छे अच्छे मेरे नाना …।

मेरे नाना मेरे नाना

आते ही घेरे नाना///



अच्छे अच्छे मेरे नाना ….मेरे नाना मेरे नानाआते ही घेरे नाना

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