Monday 27 April 2009

क्यों की हमने प्रगति की है,,


हमें नहीं आती है दया किसी बुजुर्ग की बेबसी पे ,,,

जब बो बस में खडे हो कर हाफता है ,,,,

क्यों की हमने प्रगति की है ,,,,

नहीं होती है संवेदना किसी जीव के मरने पर,,,

नहीं होती है वेदना किसी घर के जलने पर ,,,

नहीं टपकते है आंशू घाव देख कर,,,

नहीं झुकता है सर पाँव देख कर ,,,

क्यों की हमने प्रगति की है ,,,.

नलों से होता है अब पानी की जगह केमिकल का रिसाव,,,

खाने में होता है एंटी आक्सीडेंट का छिडकाव,,,,

साँस co2 व co से भरपूर है ....

आक्सीजन पहुँच से दूर है ,,,

क्यों की हमने प्रगति की है ,,,,,,

अब पकडा दिया है कटोरा हम ने किशान के हांथो में,,,

अब उत्पन्न होगा अन्न kpo, bpo की बातो में ,,,

बचपन सड़क पर पोस्टर व मोमबत्तीया बेचता है ,,,

फिर जवानी से मौत तक रिक्सा खेचता है ,,,,

क्यों की हमने प्रगति की है ,,,,

अब होती है बुजुर्गो को ब्रद्धा आश्रम की जरुरत ,,,,

बेडरूम में लगती है मल्लिका शेरावत की मूरत ,,,

हम कुत्ते और बिल्लियो की पार्टिया मानते है ,,,,

वहा पैरेंट्स अधकचरा दलिया खाते है ,,,,

क्यों की हमने प्रगति की है ,,,,

हम ने हम छीन लेते है मरने का अधिकार ,,,,

जीवन रक्षक मशीनों पर रख कर ,,,,

जिदगी उबाऊ तो कर ही ली है ,,,,

मौत भी लेते है बद से बदतर ,,,,,

क्यों नए कपड़ो में शव रख कर उसे चिडाते है ,,,

फिर इलेक्ट्रानिक ओवन में रख कर शव पकाते है न की जलाते है ,,,

क्यों की हमने प्रगति की है ,,,,

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