Tuesday 21 April 2009

मुझको मिटा दो//////////

हासित कर दो ,
मुझको मिटा दो,,,
आस्तित्व हटा दो ,
ज्ञान करा दो ।॥
सत्य का,,,,
शास्वत का,,,
अविरलता का ,,,
निश्चलता का,,,,
ऐसी आसक्ति हो ,
जो केवल विरक्ति हो,,,
इस जंग से....
इस मोह से,,,
इस दंभ से...
विश्वाश लेकर//
वैराग देकर,//
कर्तव्य का बोध करा दो ...
विरक्ति भर दो,,,,
ऐसी शक्ति आए,,,
येसी भक्ति आये,,,
कलुषता धो डालू,,
कुटिलता खो डालू,,
मिटा सारी भ्रांतिया ,
ला सारी क्रांतिया।
जग अलौकिक कर दूँ,,
अध्यातम मौखिक कर दूँ,,
इस द्वंद से बचा लो,,
मुझ को मिला लो,,
परिभाषित कर दो,,
हासित कर दो ॥
मुझ को मिटा दो ,,,,,,,,,,,

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